हरिद्वार में गंगा स्नान एवम् सैर करने के स्थान और किस समय जाना (Places to bathe in Ganga and visit in Haridwar)चाहिए

 Govind Soni
0

 Haridwar me Ghumne ke sthaan: उत्तराखंड राज्य में स्थित हरिद्वार हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए मोक्ष का धाम है।


 हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में हिंदू धर्म के अनुयाई स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में आते हैं।

Places-visit-haridwar

 हरिद्वार की पवित्र धरती पर गंगा नदी में यहां पर भी कुंभ का मेले का आयोजन होता है।


उत्तराखंड राज्य देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है, और हरिद्वार में अगर आप भ्रमण करने आना चाहते हैं। तो आज की इस पोस्ट में हम आपको पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।


 हरिद्वार और उसके आस-पास कौन-कौन से पर्यटन एवं धार्मिक स्थल है। हरिद्वार में रहने एवं खाने पने की व्यवस्था,
टूर एवं टैक्सी से संबंधित पूरी जानकारी, इस लेख के अंदर प्रदान की जाएगी। इस लेख को आप पूरा पढ़ें 


11+ हरिद्वार में घूमने के स्थान, और हरीद्वार जाने का समय | Haridwar me Ghumne ke sthaan

देवभूमि हरिद्वार के बारे में दिलचस्प तथ्य

  • गंगा नदी का उदगम स्थल गोमूख से निकलकर पहाड़ों के गलियारों से बहती हुई, धरती पर हरीद्वार में ही उतर कर मैदानी क्षेत्रों में बहती है।
  • हिंदू धर्म मतानुसार हरिद्वार, इस पृथ्वी की सबसे पवित्र भूमि स्थान है। 
  • ऐसा माना जाता है, कि हरिद्वार में गंगा नदी में स्नान करने पर, इंसान के सभी पाप धुल जाते हैं, और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • हरिद्वार के अंदर दुनिया भर में विश्वविखत आयुर्वेद का एक अनुसंधान आश्रम है। जिसका नाम शांतिकुंज है।
  • हरिद्वार बहुत पुराना स्थापित नगर है, और यह बहुत पवित्र नगर, पवित्र देव भूमि मानी जाती है


हरिद्वार में घूमने के स्थान (Places to visit in Haridwar)

पावन धाम

हरिद्वार में एक कांच का बना हुआ मंदिर है, यह मंदिर हरिद्वार के रेलवे स्टेशन से मात्र थोड़ा ही दूर है, यह मंदिर सप्त सरोवर सड़क पर बना हुआ है।


 यह पर्यटकों के लिए मुख्य रूप से बहुत ही आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। क्योंकि कांच का बना हुआ है, इस मंदिर के अंदर इतनी बारीकी से नक्काशी की गई है।


वह नक्काशी भी कांच पर की गई है। जिस प्रकार हम मूर्ति को देखते हैं, तो यह हमें अनेकों बार दिखाई देती है।


इस मंदिर के अंदर देवी देवताओं की बहुत ही सुंदर और आकर्षक तरीके से झांकियों की सजावट की गई है। यहां पर आकर पर्यटक लोगों को मन के अंदर बहुत शांति मिलती हैं।


झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व

गंगा नदी के तट पर स्थित लगभग पौने चार हैक्टर में फैला हुआ, यह एक बड़ा अभ्यारण है। जो विशेष तौर पर बारहसिंघा हिरणों का है। 

इस स्थान पर आकर पर्यटक बारहसिंघा को देख सकते हैं।


चंडी देवी मंदिर

देव भूमि हरीद्वार में बहुत है। हरीद्वार के नील पर्वत पर स्थित चंडी देवी मां का मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां चंडी के रूप में इसी धरती पर शुभ और ने निशुभ नामक राक्षस का वध किया था।


यह है मां चंडिका शक्तिपीठ है यहां पर आकर पर्यटकों को इस इस जगह के प्राकृतिक वातावरण और हरे-भरे वातावरण में शांति मिलती है।

यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


माया देवी मंदिर

माता सती का एक बड़ा शक्तिपीठ है, जिसे माया देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर हर की पौड़ी से थोड़ा ही दूरी पर स्थित है। 


पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र है, कि माता सती के पिता प्रताप प्रजापति ने एक बहुत बड़ा यज्ञ का आयोजन करवाया, जिस यज्ञ के आयोजन के अंदर भगवान शिव को निमंत्रित नहीं किया। 


बाकी सभी देवताओं को निमंत्रित किया था। इसी बात से सती माता क्रोधित होकर अपने पिताजी से उसके बारे में कारण भी पूछा।


तब सती माता के पिता जी ने भगवान शिव से संबंधित बहुत ही गलत शब्द का इस्तेमाल किया। जिसकी वजह से सती माता क्रोधित होकर हवन कुंड में समाहित हो जाती हैं। 


इसी बात से भगवान शिव भी इतने क्रोधित हो जाते हैं। और वह देवी सती के शरीर को लेकर ब्रह्मांड के अंदर इधर-उधर तांडव करते हैं।


इस तांडव के घमासान से भगवान विष्णु भगवान भी जागृत होकर, अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सुदर्शन चक्र से माता सती के टुकड़े कर देते हैं। 


और यह टुकड़े जिस - जिस जगह पर धरती पर गिरते हैं, वहां पर माता देवी के शक्तिपीठ स्थापित हो जाते हैं। ऐसा माना इस धरती पर कुल 51 शक्तिपीठ है। जिसके अंदर भी यह एक माया देवी का मंदिर है ,जो भी शक्तिपीठ हैं।


नील धारा हरिद्वार

हरिद्वार का नीलधारा बहुत ही प्रसिद्ध है। पर्यटकों के लिए इस के एक छोर पर मां चंडी का मंदिर है। तो इस घाट के दूसरे छोर पर मनसा देवी का मंदिर है। 


यहां पर गंगा का शुद्ध और पवित्र जल सुंदर वातावरण हरा भर पहाड़ी क्षेत्र पर्यटकों को बहुत ही आनंद कारी और आकर्षक लगता है।


और इस स्थान पर आकर पर्यटकों के मन को शांति और सुकून मिलता है। 

मंदिरों के अंदर दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों की बहुत ही भीड़ और चहल पहल रहती

 है ।


हर की पौड़ी हरिद्वार

हरिद्वार के अंदर गंगा नदी पर, हर की पौड़ी नामक एक विशेष पौड़ी हैं। उस स्थान पर सबसे पवित्र स्थान गंगा स्नान हेतु और आध्यात्मिक क्रियाकलाप के लिए माना गया है।


 यहां पर हिंदू धर्म से संबंधित जो भी हैं, वह अपने क्रियाकलापों प्रार्थना इसी स्थान पर करते हैं


मनसा देवी मंदिर हरिद्वार

मनसा देवी मंदिर हरिद्वार की पहाड़ियों में बिल्व पहाड़ियों के ऊपर मंदिर स्थित है। यह जगदंबा माता जी का एक ही रूप में मनसा देवी का मंदिर है। 


यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है।


हरिद्वार के प्रसिद्ध भोजन

हरिद्वार अपने धार्मिक स्थलों के अलावा यहां के खानपान के लिए भी पर्यटकों को बहुत लुभाता है।


यहां के लोकल फूड आने वाले पर्यटकों को बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं, इसे खाए बिना वह लोग नहीं रह सकते हैं।


आज हम आपको इस पोस्ट के अंदर हरिद्वार के प्रसिद्ध एवं स्वादिष्ट व्यंजनों के बारे में बताएंगे।


आलू पूरी

आलू पुरी की बात करें तो, हरिद्वार की आलू पूरी पूरे उत्तर भारत की सबसे प्रसिद्ध हैं। इसमें इसके अंदर पूरी तलकर मसालेदार और चटपटे तरीके से बनाया जाता है। 


और आलू की सब्जी के साथ परोस कर दिया जाता है। यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है।


भरवां पराठे

हरिद्वार के अंदर अगर पराठे की बात की जाए, तो भरवा पराठे सबसे अधिक प्रसिद्ध है। 


इन बातों को बनाने के लिए आलू, पनीर, गोभी, मटर, प्याज को विशेष तरीके से स्टाफिंग करके तैयार किया जाता है। 


यह पराठे खाने के अंदर बहुत ही लजीज होता है। और इस व्यंजन की बात करें तो यह यहां के लोकल निवासियों के लिए, मुख्य रूप से नाश्ते में प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाला व्यंजन है। 


भरवा पराठे की बात करें, तो इसे दही के साथ खाया जाता है। जिसकी वजह से यह बहुत अधिक स्वादिष्ट हो जाता है।


कचौड़ी

अगर बात कचोरी की करी जाए, तो हरिद्वार की यह व्यंजन बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां पर कछोरियो को चटनीयों के साथ परोसा जाता है। 


सुबह का नाश्ता या लंच या डिनर में भी इसे शामिल किया जाता है। यह एक तरह का स्ट्रीट फूड है, जो काफी पसंद किया जाता है हरिद्वार में ।


छोले भटूरे

अगर चोले भटूरे की बात करें, तो हरिद्वार के अंदर यह खट्टे टाइप के, मीठे और ज्यादा तीखे भी छोले भटूरे आपको मिल जाते हैं। 


यह स्ट्रीट फूड आपको हर जगह कई प्रकार के टेस्ट के साथ मिल सकता है।


अगर छोले भटूरे की बात करी जाए, तो यहां के होटलों और रेस्टोरेंटो में भी मिल जाते हैं। लेकिन जो स्ट्रीट फूड के तौर पर ठेले वाले बना कर देते हैं, उसका टेस्ट और स्वाद एक अलग ही होता है।


 इसीलिए आप अगर हरिद्वार में यात्रा करने आओ, तो जरूर छोले भटूरे का स्वाद टेस्ट करना ना भूले।


कुल्फी

अगर आप हरिद्वार में घूमने जाओ और वहां की लोकल कुल्फी का आनंद ना लो, तो फिर मजा ही किस बात का। 


यहां पर कुल्फी को काजू, पिस्ता, बादाम, इलायची, केसर इत्यादि मिलाने के बाद विशेष अलग-अलग तरह में बनाई जाती है। 


और यह खाने में बहुत ही बढ़िया और स्वादिष्ट होती है। इन अलग अलग स्वाद वाली कुल्फीओं को खाने का मजा ही अलग आता है।


हरिद्वार के अंदर इन व्यंजनों के अलावा, बहुत सारे व्यंजन भी खाने में स्वादिष्ट होते हैं, जैसे जलेबी, रबड़ी, रसमलाई इन स्वादिष्ट व्यंजन देसी घी से बनाए जाते हैं। 


जो बहुत ही प्रसिद्ध है, और आने वाले पर्यटक इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं।


हरिद्वार घूमने कैसे जाएं?

अगर आप हरिद्वार का पर्यटन स्थल घूमने जाना चाहते हैं। तो आपके लिए तीनों ऑप्शन खुले हैं।


 अगर आप चाहे तो सड़क मार्ग से या फिर रेल मार्ग या हवाई मार्ग किसी भी तरह से वहां पर जा सकते हैं। हमारे देश के बड़े शहरों से सभी जगहों से, हरिद्वार के लिए सीधा जुड़ाव हैं। 


उसके लिए आपको ट्रेनें मिल जाएगी, बस भी मिल जाएगी और हवाई जहाज भी मिल जाएंगे।


हरिद्वार के अंदर बड़ा रेलवे स्टेशन है और बड़े बड़े शहरों से हरिद्वार के लिए ट्रेनें आती हैं। इसके बाद हरिद्वार का नजदीकी ट्रेन स्टेशन देहरादून भी हैं, जो लगभग  45 किलोमीटर दूर पड़ता है।


दिल्ली से हरिद्वार की दूरी की बात करें, तो लगभग 212 किलोमीटर के आसपास है।

हरिद्वार की यात्रा के लिए आप सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। 


हरिद्वार देश के हर हिस्से से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। उसके अलावा हवाई मार्ग की बात करें, तो हवाई अड्डा नजदीकी देहरादून में है, और वहां से हरिद्वार 45 किलोमीटर दूर है।


हरिद्वार किस समय जाना चाहिए?

अगर बात करें हरिद्वार में भ्रमण की, तो हरिद्वार के अंदर आप साल भर में, किसी भी समय जा सकते हैं। यहां पर पूरे साल भर पर्यटक आते रहते हैं।


 विशेष तौर पर जब श्रावण का महीना होता है, तो उस समय यहां पर श्रद्धालु पर्यटक बहुत ज्यादा आते हैं, बाकी आप किसी भी समय आ जा सकते हैं।


हरिद्वार में रुकने की जगह

हरिद्वार में अगर आप नाइट रुकना चाहते हैं, तो आपको बहुत अच्छी होटल है, जो मिल जाएगी। इसके अलावा आपको हर सामाजिक धर्मशालाएं भी मिल जाएगी।


हरिद्वार में रुकने की बात की जाए, तो लगभग ₹800 से लेकर ₹1200 के बीच, प्रतिदिन के हिसाब से आपको रूम, होटलों में मिल जाएगा।


आश्रम की बात करें तो शांति कुंज आश्रम में, आप हरिद्वार के अंदर रुक सकते हैं। इस आश्रम के अंदर आपको खाना - पीना - रहना, सब कुछ फ्री होता है।  


पर्यटक चाहे तो अपनी मर्जी से यहां कुछ भी रूपये दे सकते हैं। यहां पर एक और आश्रम है, जिसका नाम है सप्त ऋषि आश्रम। 


वहां पर आपको बिल्कुल कम रुपए के बजट में, रहने के साथ साथ खाने पीने की बहुत ही बढ़िया व्यवस्था मिल जाएगी।


 हरिद्वार के अंदर रहने व खाने-पीने की बहुत ही बढ़िया जगहें है ।


हरिद्वार किस प्रकार घूमे?

हरिद्वार के अंदर आपको बाइक और टैक्सी किराए पर मिलती है।


 बाइक के किराए की बात करें, तो प्रतिदिन ₹400 से लेकर ₹500 तक मिल जाती है। और टैक्सी की बात करें तो ₹800 से लेकर 1200₹ तक मिल जाती हैं। 


बाइक और टैक्सी की मदद से आप हरिद्वार का भ्रमण, आराम से कर सकते हैं।


अगर आप अकेले हैं और हरिद्वार का भ्रमण करना चाहते हैं, तो आपके लिए बाइक सबसे बढ़िया ऑप्शन रहता है। इसके बाद की बात करें, तो आप ज्यादा है, तो टैक्सी भी ले सकते हैं। 


इसके अलावा हरिद्वार के अंदर टूरिस्ट बस भ्रमण की भी सुविधा उपलब्ध है।


अगर आप भ्रमण करने के लिए खुद ही ड्राइविंग करना चाहते हैं। बाइक या टैक्सी की, तो आपको अपना ओरिजिनल डॉक्यूमेंट ट्रैवल एजेंसी के पास देना होगा। 


जब आप वापस आओगे तो डॉक्यूमेंट आपको वापस दे दिया जाएगा ।


हरिद्वार भ्रमण करने का कितना खर्चा आएगा?

हरिद्वार घूमने के लिए आपको कम से कम 4 से 5 दिन का समय निकालना चाहिए। क्योंकि अगर आप हरिद्वार के अंदर 4 से 5 दिन रहते हैं, तो हरिद्वार और उसके आसपास के इलाकों को सही तरीके से देख पाएंगे ।


अगर आप हरिद्वार में 4 से 5 दिन रहते है तो आपका 8000₹ से 10000₹ तक का खर्चा आएगा । 


अगर आप हरिद्वार में होटल में ठहरते हैं, तो प्रतिदिन ₹8000 होटल का चार्ज अलग से लगता है। अगर आप की सामाजिक धर्मशालाएं बनी हुई है, तो वहां पर आप ठहर सकते हैं। 


इसके अलावा आप आश्रम के अंदर ठहरते हैं, शांति कुछ आश्रम में, तो वह भी एक ट्रस्ट है और वहां पर सब कुछ फ्री है।


अगर आप हरिद्वार में 3 दिन रुकते हैं, तो आपका लगभग 5000 के आसपास खर्चा आ जाता है।


 ट्रैवलिंग खाना-पीना वगैरह इसके अलावा जितने दिन आप ज्यादा रुकेंगे, वह अलग से खर्चा आएगा। बाकी आपका किराए का खर्चा घर से हरिद्वार आते हैं, वह खर्चा अलग से होगा।


निष्कर्ष

आज के इस पोस्ट के अंदर हमने हरिद्वार में घूमने लायक स्थानों और ठहरने के लिए स्थान आदि के बारे में हमने विस्तार से बताया है।


 अगर इस लेख से संबंधित आपको कोई कमेंट करना है, सुझाव देना है तो जरूर कमेंट करके हमें बताएं । 


यह किस लेखक कैसा लगा इसके बारे में भी हमें कमेंट करके जरूर बताएं।


 यह लेख अगर आपको पसंद आया है, तो इस लेख को आप अपने यार दोस्तों को फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि जगह पर शेयर जरूर

 करें ।



FAQ

Frequently Asked Questions

Q: हरिद्वार क्यों प्रसिद्ध है?
A: हरिद्वार के अंदर ज्यादातर पर्यटक गंगा नदी में डुबकी यानी स्नान करने के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है, इस पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश हो जाता है, और मोक्ष मिलता है।
Q: हरिद्वार में कौन से भगवान है?
A: हरिद्वार देवभूमि मानी जाती है और यहां पर ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों ही भगवान की पवित्र भूमि है।
Q: हरिद्वार का प्राचीन नाम क्या है?
A: हरिद्वार का प्राचीन नाम धर्म ग्रंथों के अंदर मायापुरी बताया गया है इसके अलावा कई कई जगहों पर इसे कपिल स्थान और गंगाद्वार भी कहा जाता है।
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !