Ujjain me ghumane ke sthaan: भारत के अंदर पर्यटक स्थलों की भरमार हैं। यहां पर बहुत सारे सुंदर आकर्षक और रोमांचकारी घूमने के स्थल हैं।
भारतवर्ष में हर साल लाखों विदेशी पर्यटक लोग भी यहां पर भ्रमण के लिए आते हैं।
उज्जैन की बात करें तो यह भारत का सबसे पुराना और खूबसूरतशहर है। यह भगवान महाकालेश्वर की धरती हैं।
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित हैं, यह शहर इंदौर के बिल्कुल नजदीक ही है। यहां पर शिप्रा नदी बहती है, जिसके तट पर उज्जैन शहर बसा हुआ है।
बात पौराणिक काल की करें तो उज्जैन महाभारत काल के समय अवंती राज्य की राजधानी रहा है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा कुंभ स्नान मेला 12 वर्ष में एक बार होता है, उसका आयोजन उज्जैन में ही किया जा
ता है।
- उज्जैन में भ्रमण करने लायक स्थान कौन से है?
- उज्जैन के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल कौन से है?
- उज्जैन शहर और उसके आसपास के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल और भ्रमण करने लायक जगह के बारे में, इस पोस्ट के अंदर हम विस्तार से आपको बताएंगे।
उज्जैन में घूमने के स्थान और किस समय पर यात्रा करनी चाहिए
उज्जैन के बारे में दिलचस्प तथ्य
उज्जैन की बात करें तो यह अपने पुराने मंदिरों और हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक हैं। महाकालेश्वर का मंदिर जिसकी वजह से लाखों पर्यटक यहां आते हैं।
पर्यटन के स्थल के तौर पर यह शहर पूरे भारतवर्ष में काफी प्रसिद्ध है। यहां पर हिंदू धर्म से संबंधित बहुत सारे पर्यटक स्थल हैं। जो लोगों को घूमने के लिए बहुत पसंद आते हैं।
हिंदू धर्म का प्रमुख कुंभ स्नान मेला, जो 12 साल में एक बार ही आता है। उस कुंभ स्नान मेले का आयोजन भी, उज्जैन किस शहर में होता है। उज्जैन शहर शिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं।
और इस नदी पर उस महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। यह कुंभ का मेला 12 दिन तक चलता है। इस मेले के अंदर प्रतिदिन लाखों पर्यटक आते हैं। यह भारत देश के साथ-साथ पूरे विश्व में भी प्रसिद्ध है।
बहुत सारे विदेशी पर्यटक यहां इस कुंभ के मेले में आते हैं।
पौराणिक कहानियों के अनुसार बात करें तो अमृत रस की खोज हेतु देवताओं और राक्षसों के बीच एक प्रतिस्पर्धा लगी हुई थी। देवता और राक्षस एक दूसरे का पीछा कर रहे थे, जिसकी वजह से उस अमृत रस की एक बूंद इस स्थान पर गिर गई।
जहां से उज्जैन शहर की शुरुआत यानी उत्पत्ति होती है, और यह पवित्र भूमि महाकालेश्वर की भूमि मानी गई है।
प्रसिद्ध राजा चंद्रगुप्त द्वितीय ब्रह्मगुप्त ने उज्जैन शहर पर राज किया था। भरतचार्य जैसे विद्वान लोगो का जन्म भी इस स्थान पर हुआ था।
इन सभी कारणों की वजह से उज्जैन शहर, पौराणिक काल से लेकर वर्तमान काल तक बहुत प्रसिद्ध स्थान है।
उज्जैन में प्रख्यात पर्यटक स्थल (famous tourist places in Ujjain)
महाकालेश्वर मंदिर
उज्जैन का महाकालेश्वर धाम, हिंदुओं का पवित्र धर्मस्थल। यह भगवान शिव का विशाल मंदिर है।
बारह ज्योतिर्लिंगों में से यह एक ज्योतिर्लिंग का मंदिर है । इस विशाल मंदिर के अंदर दक्षिण मुखी महाकालेश्वर भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग की पूजा होती है।
उज्जैन के इस ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि के दिन विशाल भजन संध्या होती है, उसी के साथ हिंदी मास श्रावण मास में पूरे महीने यहा जबरदस्त भीड़ रहती है।
भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोग यहां पर लाखों की संख्या में आते हैं। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर सुबह 4:00 बजे खुल जाता है।
सुबह 4:00 बजे के टाइम यहां भस्म आरती होती है जिसके अंदर शमशान भूमि की राख से ज्योतिर्लिंग को स्नान करवाया जाता है।
राम मंदिर घाट
शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन शहर में यह घाट है। शिप्रा नदी पर स्थित इस घाट कों राम मंदिर घाट के नाम से पुकारा जाता है।
यहां राम भगवान का भी मंदिर भी है। इस घाट पर स्नान करना बहुत पुण्य और सौभाग्यशाली माना जाता है। उज्जैन के अंदर कुंभ मेला लगता है, उस समय सभी लोग इसी राम मंदिर घाट पर ही स्नान करते हैं।
राम मंदिर घाट का दृश्य सुबह और शाम के समय बड़ा ही मनमोहक और भक्तिमय होता
है।
उज्जैन का कुंभ स्नान मेला
कुंभ स्नान मेला हिंदू धर्म का बड़ा तीर्थ माना जाता है। कुंभ का मेला भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में प्रख्यात है। बात करें तो, उज्जैन के अंदर कुंभ का मेला 12 बरस के बाद लगता है।
कुंभ के मेले में लोग अपनी इच्छाएं और मनोकामनाएं लेकर इस पवित्र भूमि पर नदी में स्नान करने के लिए आते हैं।
कुंभ स्नान मेला उज्जैन के अंदर 12 साल में एक बार लगता है। यह कुंभ स्नान मेला उज्जैन की धरती पर 12 दिन तक चलता है।
उज्जैन के अंदर जिस जगह पर शिप्रा नदी और सरस्वती नदी का संगम है, उसी नदी स्थल पर कुंभ स्नान मेला लगता है। यही संगम का स्थान ही कुंभ का मुख्य केंद्र होता है।
अब आने वाला कुंभ मेला 2028 में लगेगा उज्जैन की धरती पर।
उज्जैन का कलियादेह पैसेल
कलियादेह पैलेस का निर्माण सन 1458 ईस्वी में किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य धार्मिक संस्कृति को उज्जैन के अंदर बढ़ावा देना है।
यह पैलेस धार्मिक रूप से काफी महत्व भी रखता है, इस पैलेस को बनाने के बाद इसके दोनों तरफ नदी का पानी भरा।
उज्जैन का काल भैरव मंदिर
उज्जैन के अंदर स्थित काल भैरव का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। यह बहुत प्राचीन मंदिर है और हिंदू संस्कृति का एक शानदार उदाहरण भी है।
काल भैरव ऐसा माना जाता है, कि भगवान शिव के उग्र रूप में यहां पर मौजूद है। काल भैरव मंदिर परिसर में एक पुराना बरगद का पेड़ है और इस बरगद के पेड़ के नीचे एक शिवलिंग भी स्थापित है।
जो लोग दिल से अपनी मनोकामना ईस स्थान पर आकर मांगते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है।
महाशिवरात्रि किस समय यहां पर भव्य मेले का आयोजन आता है, और श्रावण मास में भी भव्य मेले की लगता है और भीड़ रहती है।
वेधशाला और जंतर मंतर
उज्जैन की वेधशाला जिसका निर्माण राजा सवाई जय सिंह जी ने 18वीं शताब्दी में करवाया था।
यह वेधशाला ज्योतिष शास्त्र से संबंधित कई खगोलीय ग्रहों की गति और उनकी घटनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए बनवाई गई थी।
पुराने जमाने में जो उपकरण प्रयोग में लिया जाते थे। वह उपकरण आज भी इसी वैद्यशाला में मौजूद पड़े है।
उस समय खगोलीय जानकारी इकट्ठा करने के लिए, जो भी उपकरण काम में लिए जाते थे, वह सभी उपकरण सुरक्षित रूप से, इसी खगोलीय वेधशाला में और जंतर-मंतर में पड़े हैं।
यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का विषय है, कि उस समय हमारा ज्ञान कितना विकसित था।
उज्जैन की जंतर मंतर का निर्माण भी 17वीं शताब्दी में हुआ था और इसका निर्माण करवाने वाले राजा जय सिंह जी थे।
इस जंतर मंतर का निर्माण करवाने के लिए कई ज्योतिषियों की सलाह और उसकी देखरेख में करवाया गया था।
इसी जंतर मंतर के माध्यम से ही खगोलीय पिंड की गणना की जाती थी।
डब्ल्यू डब्ल्यू एफ वाटर पार्क
उज्जैन में हिंदू धर्म के धार्मिक स्थल और मंदिर बहुत ज्यादा है। धार्मिक स्थल के अलावा यदि रोमांचकारी स्थान की बात करें तो उज्जैन में डब्ल्यू डब्ल्यू एफ वाटर पार्क भी स्थित है, जो बच्चों के लिए और बड़ों के लिए बहुत ही बढ़िया स्थान है।
यदि आप तीर्थ स्थल पर भ्रमण आए हैं और आपको अब कुछ पल मनोरंजन करने में गुजारने हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छी जगह है।
इस वॉटर पार्क में आप अपने बच्चों और परिवार सहित कुछ पल मनोरंजन के बिताने आ सकते हैं। इसके बाद यहां पर ठहरने की भी व्यवस्था भी है। इस पार्क में घूमने के बाद आप यहां ठहर सकते हैं।
भर्तहरी केव
शिप्रा नदी के तट पर स्थित भर्तहरी केव की गुफा। यह गुफा शिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं।
ऐसा माना जाता है कि राजा विक्रमादित्य के भाई भर्तहरी ने अपना जीवन काल इसी स्थान पर यानी भर्तहरी केव में निकाला था।
उन्होंने सांसारिक जीवन को त्याग कर मोह माया से ध्यान हटाकर, यहां साधना मैं ध्यान लगाया था। इसी के कारण इस गुफा का नाम भी भर्तहरी केव दिया है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भर्तहरी महान विद्वान पुरुष थे। भर्तहरी केव गुफा के अंदर भर्तहरी की समाधि बनी हुई है।
यह गुफा बहुत शांत है, आसपास का प्राकृतिक वातावरण मन को शांति प्रदान करता है, सुकून मिलता है। इसीलिए आने वाले पर्यटक यहां जरूर आते हैं, अपने मन की शांति और सुकून
के लिए।
उज्जैन का गोमती कुंड
गोमती कुंड उज्जैन का एक विशाल तालाब है।
दुनिया के अंदर जितने भी पवित्र जल माने गए हैं, या नदियों के जो पवित्र जल है, उन सभी का मिश्रण इस तालाब में है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने संसार के सभी पवित्र जनो को मिलाकर इस कुंड का निर्माण किया था।
इस कुंड के पास एक आश्रम भी बना हुआ है और प्राकृतिक वातावरण के अंदर मन को सुकून और शांति मिलती है। इसीलिए यहां पर पर्यटक बहुत आते हैं।
चिंतामन गणेश मंदिर
चिंतामन गणेश मंदिर शिप्रा नदी के किनारे पर बना हुआ है। यह भगवान गणेश का मंदिर है, और यह बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध भी है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के अंदर जो भगवान गणेश जी की मूर्ति है, यह मूर्ति चमत्कारिक रूप से अपने आप प्रकट हुई थी।
इसीलिए यह एक विशेष प्रकार का चमत्कारिक मंदिर है। इस मंदिर में जाने से सभी की मनोकामना पूरी होती है, और उनके कष्ट दूर होते हैं। यहां पर भक्तो का तांता लगा रहता है।
रिद्धि सिद्धि मंदिर
उज्जैन का रिद्धि सिद्धि मंदिर पूरे संसार में प्रसिद्ध है। इसकी लोकप्रियता के कारण देश के अलावा विदेश से भी लाखों पर्यटक आते हैं।
उज्जैन का रिद्धि सिद्धि मंदिर रूद्र सागर तालाब के तट पर बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि विक्रमादित्य खुद इस मंदिर में आकर पूजा रचना करते थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसका एक दिलचस्प तथ्य यह भी है, कि राजा विक्रमादित्य के अलावा यहां पर कोई और शासक रात्रि विश्राम नहीं कर सकता है।
इसीलिए इस मंदिर के अंदर कोई भी नेता लोग रात नहीं ठहरते हैं। यहां पर पर्यटकों का तांता लगा रहता है।
उज्जैन के आसपास घूमने लायक स्थान और शहर (Places to visit and cities around Ujjain)
उज्जैन के नजदीक घूमने लायक पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं
- बड़ा गणपति टेंपल
- छतरी बाग
- देव गुराडिया शिवा मंदिर
- अटल बिहारी वाजपेई रीजनल पार्क
- गोमटगिरी इंदौर
- अन्नपूर्णा मंदिर इंदौर
- बिजासन टेकरी टेंपल
- इंदौर म्यूजियम
- इंदौर व्हाइट चर्च
- जानापाव कुटी
- लाल बाग म्यूजियम
- कांच मंदिर टेंपल
- कृष्णा पूरा छतरी
- महाविष्णु धाम
- कमला नेहरू इंदौर जू
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का उज्जैन
- मेघदूत गार्डन
- काल भैरव टेंपल
- रजवाड़ा
- खजराना गणेश मंदिर
- विक्रम कीर्ति मंदिर
- राम मंदिर घाट उज्जैन
- मंगल नाथ टेंपल
- गजानन महाराज टेंपल
- हरसिद्धि टेंपल
- गांधी हॉल इंदौर
- चिंतामन गणेश टेंपल उज्जैन
- गोपाल मंदिर इंदौर
दंपती के लिए उज्जैन में घूमने के स्थान। (Place visits in Ujjain)
- श्री महाकालेश्वर टेंपल
- हरसिद्धि टेंपल
- रामघाट
- संदीपानी आश्रम
- कालभैरव टेंपल
- गधकालिका टेंपल
- चिंतामन गणेश टेंपल
- इस्कॉन टेंपल
उज्जैन में शॉपिंग करने की जगह कौनसे है?
उज्जैन के अंदर आप पत्थर से बनी हुई हस्तशिल्प मूर्तियां, चंदेरी रेशम की बनी हुई साड़ियां और आभूषण। यहां पर हिंदुस्तानी सभ्यता संस्कृति से जुड़ी हुई कलाकृतियां भी मिलती है।
- गोपाल मंदिर मार्ग मार्केट
- पाकीजा मॉल
- बाफना स्वीट्स एंड नमकीन
- Treasure Bazaar
- ट्रेडिशनल बाजार
उज्जैन में खाने के लिए प्रसिद्ध चीजे
उज्जैन के अंदर खाने के लिए बहुत सारे स्वादिष्ट पकवान मिलते हैं। बात करें तो पूरे मध्यप्रदेश में पोहा प्रसिद्ध है।
उज्जैन में शाकाहारी भोजन भरपूर मात्रा में मिलता है, यहां पर राजस्थानी पंजाबी भोजन भी मिलता है। इसके साथ-साथ साउथ इंडियन भोजन भी खाने के लिए बहुत मिलता है।
उज्जैन में ठहरने की जगह
उज्जैन शहर की ख्याति देश भर में प्रसिद्ध है। यहां पर ठहरने व्यवस्था बहुत है। यहां पर आपको होटल और रेस्टोरेंट के अलावा सामाजिक आश्रय स्थल भी बने हुए हैं।
जहां पर रुकने की सुविधा अच्छी तरह से मौजूद है। यहां पर होटलों की भी पूरी तरह से व्यवस्था है, जहां आप रूम लेकर ठहर सकते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर में भी ठहरने की व्यवस्था है, इसी मंदिर के अंदर "भक्त निवास आश्रम" बना हुआ है, इस आश्रम में आप रूम बुक करा सकते हैं।
उज्जैन की सैर करने का उपयुक्त समय
गर्मी के मौसम की अपेक्षा सर्दी के मौसम में उज्जैन की सैर करने का उपयुक्त समय होता है । अक्टूबर माह से लेकर मार्च माह के बीच यहा का तापमान लगभग 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।
गर्मी के मौसम में यहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक रहता हैं, गर्मी अधिक पड़ती हैं।
बारिश के मौसम में भी घूमने का अच्छा रहता हैं, बारिश ज्यादा होती है।
उज्जैन की सैर करने कैसे पहुचे?
उज्जैन मध्य प्रदेश के अंदर इंदौर शहर के पास स्थित है। उज्जैन के लिए हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग तीनों तरह से साधन उपलब्ध है।
सड़क मार्ग से उज्जैन की यात्रा कैसे करें?
उज्जैन की यात्रा करने के लिए सड़क मार्ग से साधन की भरमार है। देश के हर बड़े शहर से उज्जैन जाने के लिए निजी और सार्वजनिक बसों की बहुत सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध है।
उज्जैन के पास इंदौर शहर पड़ता है, वहां तक बहुत लग्जरी बस से आती हैं। अगर आप अपना खुद का निजी वाहन द्वारा उज्जैन की यात्रा करना चाहते हैं, तो वह भी आप लेकर आ सकते हैं।
यहां पर सड़कों की हालत बहुत अच्छी है और यह शहर हाईवे से टच है।
रेल मार्ग के द्वारा उज्जैन कैसे पहुंचे?
उज्जैन शहर में बड़ा रेलवे स्टेशन भी है, जहां से लगभग भारत के हर बड़े शहर से डायरेक्ट ट्रेन की सेवा उपलब्ध है, उज्जैन के नजदीक में इंदौर शहर पड़ता है, वहां पर भी डायरेक्ट ट्रेनों की सुविधा है।
उसके अलावा इसका नजदीक दूसरा शहर भोपाल है, मालवा है, तो वहां तक भी देश के हर कोने से, अलग-अलग कोनों से ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध है।
हवाई मार्ग के द्वारा उज्जैन कैसे पहुंचे?
उज्जैन शहर के अंदर हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन बात करें तो उज्जैन के नजदीक ही 54 किलोमीटर दूर इंदौर शहर है। जहां पर हवाई अड्डा स्थित है ।
देश के हर बड़े शहर से इंदौर के लिए फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है। आप कभी भी देश के किसी भी कोने से इंदौर आकर, फिर आगे आप सड़क मार्ग या रेल मार्ग से भी उज्जैन जा सकते हैं।
निष्कर्ष
उज्जैन के अंदर आपको छोटे-मोटे धर्मशालाएं रेस्टोरेंट वगैरह मिल जाएंगे, लेकिन कोई बड़ा होटल नहीं मिलेगा।
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